बुधवार, 13 दिसंबर 2017

आओं भविष्य लिखदें- (अष्टक छंद) by poet Pukhraj yadav

छंद परिचय-
अष्टक छंद
(जाति=वासव/
चरण=४/
कुल मात्रा= ३२/
कुल वर्ण= २७)
सीमा-
*१११ १११ २*

खड़ग चल रहे|
अब दुख न सहे|
हम सब लिख दें,
मिलकर कल को|

बदल कर रखें,
किसमत चल को|
पल-पल अति है,
क्षण-क्षण गति है|

नमन सब करें|
तुम पर स्वर भरें|
डग-मग-डग ना,
पथ पर निकलें|

छन-छन-छन हो,
कदम स्वर सभी|
घन-घन-घन तो,
समर अमर हो|

रह न चुप अभी|
कर सकल सभी|
जन जन जगते,
बन गिरिज तभी|

टिक-टिक करते,
समय-समय पे|
बन सम क्षण भी|
महक सब तभी|

खड़ग चल रहे|
अब दुख न सहे|
हम सब लिख दें,
मिलकर कल को|

    ©पुखराज यादव
          महासमुन्द

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