छंद परिचय-
*धारावाही छंद*
(जाति=वासव/
चरण=४/
कुल मात्रा= ३२/
कुल वर्ण=१६)
सीमा-२२२२
घेरो मेघों,
रैना होने|
जैसे कोई,
पीड़ा धोने|
बाजा बाजे,
जैसे ढोला|
वैसे तासे,
धूनी साजे|
आजा सूता,
तू भी आना|
दूरी काटे|
आपे-आपे|
जैसा तूने,
बोया है जो|
वैसा ही तो,
काटेगा सो|
काहे काला,
सोचा तूने|
चाहे क्यों-क्यों
ढ़ोया तूने|
भाए कोई,
वैसा ही हो|
ढ़ालो सो तो,
साधे सा हो|
तेरा मेरा
काहे स्वांगे|
अर्था जोड़े,
भिक्षा मांगें|
घेरो मेघों,
रैना होने|
जैसे कोई,
पीड़ा धोने|
©पुखराज यादव
महासमुन्द
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