डमरू-घनाक्षरी छंद
(2222,2222,2222,2222)
चल चल पग रख,डगर पर न डग।
बल बल रख सम,तम पर रख पग।
बढ़ बढ़ झट झट, खटखट मत कर।
हस हस चल अब,ठग स्वर मत भर।
मन रख मत मत,डगर अपन चल।
शत शत सम शत,भय रख मत छल।
दम सब सम सत,चल उठ उठ अब।
पल पल घट क्षण,रण रण सम सब।
-अकाय श्री
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