-युवा शक्ति-
छंद- नागराज
मात्रा-
(जगण रगण जगण रगण जगण+2)
हुई अभी न देर रे,न घोर ये घड़ी हुई।
न है मची हिलोर रे,न रेत की घड़ी गई।
चलो उठो युवा अभी,न बेर आज की ढ़ली।
दिवा जला रखो सभी,न है अभी निशा ढ़ली।
धरा तुझे पुकारती,युवा बढ़ो चलो अभी।
भविष्य है तु भारती,सुधा बने धरा तभी।
वियोग हो परोक्ष से,न देर है हुई अभी।
जगे-जगे युवा भरे,असीम है युवा सभी।
- अकाय-श्री
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